
दिव्यराष्ट्र, जयपुर: राजस्थान सरकार, आईएमसी इंडिया सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड और सेसमी वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट (SWIT) ने मिलकर बारां जिले में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) को सशक्त करने के उद्देश्य से तीन वर्षीय प्रमुख पहल ‘खेलो, सीखो, बढ़ो, राजस्थान’ की शुरुआत की है। यह पहल भारत सरकार के आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत बारां जिले में लागू की जाएगी। इस परियोजना के लिए त्रिपक्षीय समझौता (MoU) किया गया है। इसके तहत एक ऐसा मॉडल तैयार किया जाएगा जो बच्चों की नींव मजबूत करने के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों में जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य (WASH) के बेहतर मानक स्थापित करेगा। वर्ष 2025 से लागू होने वाली यह पहल किशनगंज और अत्रू ब्लॉकों के लगभग 8,000 बच्चों और 500 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लाभान्वित करेगी।
आईसीडीएस के निदेशक वासुदेव मलावत ने कहा कि यह समझौता राजस्थान में गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस साझेदारी से आंगनबाड़ी केंद्रों को आनंददायक, समावेशी और खेल आधारित शिक्षण मॉडल में परिवर्तित किया जाएगा।
सेसमी वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट इस कार्यक्रम का ज्ञान एवं कार्यान्वयन साझेदार होगा। संस्था की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण-सामग्री (टीएलएम), पज़ल, फ्लैश कार्ड, किताबें और गतिविधि पत्रक तैयार किए जाएंगे। इनमें क्यूआर कोड के माध्यम से हिंदी और स्थानीय भाषाओं में शैक्षणिक वीडियो भी उपलब्ध होंगे।
सेसमी वर्कशॉप इंडिया की प्रबंध निदेशक सोनाली खान ने कहा कि हमारा उद्देश्य प्रत्येक बच्चे को ‘स्मार्ट, स्ट्रॉन्ग और काइंड’ बनाने का अवसर देना है। यह पहल एनईपी 2020 और एनसीएफ 2022 के अनुरूप है जो खेल और अनुभवात्मक शिक्षा को प्राथमिकता देती है।
कार्यक्रम में पीयर लीडरशिप मॉडल के तहत आईसीडीएस पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित कर उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शक के रूप में जोड़ा जाएगा। साथ ही, बच्चों की साक्षरता और संख्यात्मक कौशल में सुधार के लिए बेसलाइन और एंडलाइन मूल्यांकन किए जाएंगे।
आईएमसी इंडिया अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत तीन वर्षों तक इस परियोजना का वित्तीय सहयोग करेगी। कैरोलीना ब्रोज़ोव्स्का, चैरिटी मैनेजर, आईएमसी इंडिया ने कहा कि हम मानते हैं कि प्रारंभिक वर्षों में किया गया निवेश पूरे समाज के लिए सबसे स्थायी प्रभाव छोड़ता है। खेलो, सीखो, बढ़ो, राजस्थान’ में पीयर लीडरशिप मॉडल भी शामिल है। इसके तहत आईसीडीएस पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण देकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन के लिए तैयार किया जाएगा। साथ ही, सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करने के लिए माता-पिता और अभिभावकों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जाएगी।