मंडी शुल्क से छूट प्रदान करने की मांग
जयपुर, दिव्यराष्ट्र:/ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल ने पूर्व सांसद कृष्णमुरारी मोघेजी के साथ म.प्र. के मुख्यमंत्री माननीय डॉ. मोहन यादवजी से भोपाल में मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) में रजिस्टर्ड दाल उद्योगों को मध्यप्रदेश के बाहर से दाल बनाने के लिए (प्रसंस्करण हेतु) मंगाये जाने वाले दलहन मसूर, उड़द, मूंग, चना व अन्य दलहनों पर मण्डी शुल्क समाप्त करें ।
यह जानकारी देते हुए ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि माननीय मुख्यमंत्रीजी को अवगत कराया गया कि मध्यप्रदेश के बाहर से दाल बनाने के लिए मंगाये जाने वाले दलहन पर मण्डी शुल्क लगने के कारण मध्यप्रदेश में दिन-प्रति-दिन दाल उद्योग कम होते जा रहे है, प्रदेश में दाल उद्योगों को सुचारु रूप से चलाने और जीवित रखने के लिए मंडी शुल्क समाप्त करने की अत्यंत आवश्यकता है। साथ ही मुख्यमंत्री का ध्यान विभिन्न बिन्दुओं पर आकर्षित करवाते हुए बताया गया कि –
भारत सरकार ने दालों पर 05% जीएसटी लगा रखा है, जबकि जीएसटी के पूर्व दालों पर किसी भी प्रकार का वाणिज्यिक कर, विक्रय कर या अन्य कोई टेक्स अथवा शुल्क नहीं था ।
उच्च न्यायालय ने दालों को कर मुक्त कर दिया था, फिर भी भारत सरकार ने 5% जीएसटी लगा दिया है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अनेक जगहों पर किसानों से सौदेबाजी के अनुबंध किए है तथा निजी अनाज मंडियां स्थापित हो रही है और जगह-जगह सागर चौपाल खोल कर कृषि उपज संग्रह की जा रही है। ऐसे में मध्यप्रदेश की दाल इंडस्ट्रीज़ को देश के अन्य राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से मसूर, उड़द आदि खरीद कर दाल बनाना पड़ती है। राज्य के बाहर से आने वाले दलहनों पर मंडी शुल्क चुकाने के बाद कृषि उपज मध्यप्रदेश में आती है, यहाँ पर भी बाहर से लाए गए दलहन पर मंडी शुल्क लगने के कारण दोहरा मंडी शुल्क भुगतान करना पड़ रहा है।
मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्यों छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र सहित अनेक राज्यों में राज्य के बाहर से दाल बनाने के लिए मंगाए जाने वाले दलहन पर मंडी शुल्क नहीं लगता है –
छत्तीसगढ़ राज्य में समस्त प्रकार के दलहन, गेंहू, जुआर, मक्का, बाजरा सहित सभी खाद्यान्नों पर मण्डी शुल्क से पूर्णतः छूट प्रदान की गई है ।
गुजरात राज्य में गुजरात के बाहर से दलहन मंगा कर दाल बनाने पर मण्डी शुल्क नहीं लगता है।
महाराष्ट्र राज्य में महाराष्ट्र के बाहर से दलहन मंगा कर दाल बनाने पर मण्डी शुल्क नहीं लगता है*
विदेशों से आयातित दलहन समुद्र के रास्ते मुंबई पोर्ट पर आता है, महाराष्ट्र के जलगांव, अकोला व नागपुर और गुजरात के दाहोद, आणंद (वासद) सहित अन्य जिले दाल मिलों के बड़े सेंटर बन गए हैं, जहाँ काफी दाल मिलें हैं। म.प्र. के दाल मिलों को उनसे कड़ी प्रतिस्पर्धा करना पड़ती है, म.प्र. में मुंबई पोर्ट से दलहन मंगवाने पर डीज़ल की कीमत बढ़ने से ट्रक भाड़ा भी अधिक लगता है, साथ ही गुजरात से भी डीजल की कीमत अधिक होने की वजह से मध्यप्रदेश में ट्रक भाड़ा अधिक लग रहा है।
मध्यप्रदेश में उत्पादित दलहन उड़द, मसूर, चना आदि से लगभग चार माह तक ही म.प्र. की दाल मिलें चल पाती हैं, क्योंकि मसूर, उड़द एवं चना का उत्पादन म.प्र. में बहुत कम होता है। कारखाने चलाने के लिए दाल इंडस्ट्रीज को अन्य प्रदेशों गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों से दलहन मंगवाकर दाल बनाना पड़ता हैं ।
पूर्व में मध्यप्रदेश के बाहर से दाल बनाने हेतु मंगाए जाने वाले कच्चे माल (दलहन) पर मण्डी शुल्क से छूट के कारण ही म.प्र. की दाल इंडस्ट्रीज चल पा रही थी और गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक सहित देश के अन्य राज्यों के दाल उद्योगों से कड़ी प्रतिस्पर्धा करके दाल मिल कारखाने म.प्र. में चल रहे थे ।
मंडी शुल्क की छूट स्थाई रूप से नहीं मिलने से दाल उद्योगों द्वारा दाल बनाने के लिए म.प्र. के बाहर से कच्चा माल (दलहन) मसूर, उड़द एवं चना मंगवाने पर पडोसी राज्यों महाराष्ट्र व गुजरात के अनुसार ही म.प्र. में पॉलिसी बनाना चाहिए ।
मध्यप्रदेश में मंडी शुल्क खरीदी पर लगता है, मध्यप्रदेश के व्यापारी व दाल मिलर्स मध्यप्रदेश में दलहन खरीदने पर मंडी शुल्क का नियमित भुगतान कर रहे है।
मध्यप्रदेश औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन में मसूर, चना, उड़द और अन्य दलहनों पर पूर्ण रूप से मंडी शुल्क में छूट देने का अनुरोध है।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मण्डल के सभी प्रस्तावों एवं सुझावों को गंभीरतापूर्वक सुना एवं आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार इस संबंध में अतिशीघ्र प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) में पंजीकृत कृषि आधारित दाल उद्योगों के हित में दाल बनाने के लिए मध्यप्रदेश के बाहर से मंगाए जाने वाले मसूर, चना, उड़द और अन्य दलहनों पर मंडी शुल्क से स्थाई रूप से छूट देने के लिए विचार कर उचित निर्णय लेगी ।