टियर-2 शहर बनेंगे प्रमुख वृद्धि चालक
नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र/ मैजिकब्रिक्स के नए शोध के अनुसार, भारत का होम इंटीरियर बाज़ार 2024 के 1.27 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2030 तक 2.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने वाला है। अध्ययन में बताया गया है कि टियर-2 शहर, टियर-1 शहरों की तुलना में तेज़ी से बढ़ेंगे—19% की सीएजीआर के साथ, जो टियर-1 के 12% की तुलना में लगभग दोगुना है। अकेले टियर-2 बाज़ार 2024 के 25,536 करोड़ रुपये से बढ़कर 2030 तक लगभग 72,500 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएंगे।
शोध में यह भी सामने आया कि टियर-2 शहरों में 82% इंटीरियर की मांग रीसेल घरों से आती है, जो इस बात का संकेत है कि गृहस्वामी अपने मौजूदा घरों को मॉड्यूलर फर्नीचर, स्मार्ट स्टोरेज और बेहतर सौंदर्य के साथ उन्नत कर रहे हैं। टियर-2 शहरों में प्रति घर औसत खर्च 3.9 लाख रुपये है—जो टियर-1 खर्च का लगभग 74% है—यह दर्शाता है कि नए उभरते मध्यमवर्गीय परिवारों में आकांक्षात्मक और डिज़ाइन-प्रेरित सोच बढ़ रही है।
शोध के निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए, मैजिकब्रिक्स के सीएमओ प्रसून कुमार ने कहा, “होम इंटीरियर बाजार का तेज़ विस्तार, विशेषकर भारत के टियर-2 शहरों में, उपभोक्ता व्यवहार में एक गहरे परिवर्तन का संकेत देता है। घर अधिक व्यक्तिगत, अधिक कार्यात्मक और अधिक डिज़ाइन-प्रधान होते जा रहे हैं। हम एक आत्मविश्वासी, आकांक्षी भारत का उदय देख रहे हैं—जो अपने दैनिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए मॉड्यूलर और आधुनिक इंटीरियर्स की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ये बाज़ार भारत के होम इंटीरियर इकोसिस्टम के अगले विकास चरण के लिए मजबूत मांग केंद्र बनते जा रहे हैं।”
प्रमुख वृद्धि कारकों में तेज़ शहरीकरण, बढ़ती आय, बदलती जीवनशैली ज़रूरतें और इंस्टाग्राम व यूट्यूब जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का डिज़ाइन पसंदों पर बढ़ता प्रभाव शामिल हैं। बेडरूम और लिविंग रूम पर सबसे अधिक खर्च होता है, क्योंकि परिवार अधिक उपयोग वाले क्षेत्रों और वैल्यू-ड्रिवन मॉड्यूलर समाधानों को प्राथमिकता दे रहे हैं। शोध में यह भी पाया गया कि लखनऊ, जयपुर, गोवा और कोच्चि जैसे टियर-2 शहर मजबूत रियल एस्टेट गतिविधि और आधुनिक, टर्नकी इंटीरियर डिज़ाइनों को अपनाने के कारण इंटीरियर मांग में अग्रणी हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर, फर्नीचर और मॉड्यूलर कंपोनेंट कुल इंटीरियर खर्च का 45% हिस्सा रखते हैं, और बाज़ार धीरे-धीरे बढ़ई-निर्मित समाधानों से फैक्ट्री-फिनिश्ड मॉड्यूलर प्रारूपों की ओर बढ़ रहा है। ऑनलाइन फर्नीचर की खपत तेज़ी से बढ़ रही है, खासकर टियर-2 शहरों में, जहां सीमित ऑफलाइन रिटेल विकल्प और बढ़ते डिजिटल आत्मविश्वास ने ई-कॉमर्स को बढ़ावा दिया है।
अध्ययन भारत को एक उभरते वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भी प्रस्तुत करता है—जो वर्तमान में फर्नीचर निर्यात में 19वें स्थान पर है—और मॉड्यूलर डिज़ाइन, उत्कृष्ट कारीगरी और वैल्यू-एडेड मैन्युफैक्चरिंग के माध्यम से बड़े पैमाने पर विस्तार की क्षमता रखता है। जहां चीन अभी भी वैश्विक स्तर पर अग्रणी है, वहीं भारत का कस्टमाइज़ेशन और बढ़ती घरेलू मांग का मिश्रण आगे बढ़ने का स्पष्ट मार्ग प्रदान करता है।