15 सौ किलो घी से बनेगी मिठाईयां, 20 से ज्यादा परोसी जाएगी सब्जी, 4 हजार किलो दही से बनेगी कढ़ी
30 भट्टियों पर होगी अन्नकूट प्रसादी तैयार
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ सर्व समाज के करीब पौने दो लाख भक्तजन रविवार, 9 नवम्बर को श्री खोले के हनुमान मंदिर में दोपहर 12.30 बजे से रात्रि 11 बजे तक अन्नकूट प्रसादी ग्रहण करेंगे। अन्नकूट प्रसादी बनाने का कार्य शनिवार रात्रि से प्रारंभ होकर रविवार देर रात तक चलता रहेगा। अन्नकूट प्रसादी व 56 व्यंजनों का सर्वप्रथम लक्ष्मण डूंगरी के शिखर पर विराजे श्रीराम, हनुमानजी, अन्नपूर्णा, गायत्री व माता वैष्णो, द्वादश ज्योतिर्लिंग सहित खोले के सभी देवालयों में भोग लगाया जायेगा। मंदिर प्रबंध समिति ने लक्खी अन्नकूट महोत्सव को सफल एवं व्यवस्थित सम्पन्न कराने के लिए कमेटियां गठित की हैं, जिन्होंने कार्य प्रारंभ कर दिया है।
श्री नरवर आश्रम सेवा समिति (प्रन्यास) के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि खोले के हनुमानजी के मंदिर में होने वाले 65वें अन्नकूट समारोह में 1.75 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पंगत प्रसादी में आने की उम्मीद है। ब्रह्मलीन बाबा राधेलाल चौबे की स्थापित परम्पराओं के अनुसार जात-पात, छोटे-बड़े और अधिकारी-कर्मचारी, राजनेता सभी एक ही पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण करते हैं। धर्म एवं जाति भेदभाव रहित व्यवस्था के कारण ही अन्नकूट का यह आयोजन जयपुर ही नहीं, पूरे राजस्थान में एक मिसाल माना जाता है।
वर्ष 2017 में सीमित समय में 1.25 लाख भक्तजनों द्वारा अनुशासित प्रसादी ग्रहण करने का कीर्तिमान गोल्डन बुक्स ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। शर्मा ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर में परम्परागत झांकियों के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग बर्फ की झांकी आकर्षण का केन्द्र होगी।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक ओमजी रावत ने बताया कि अन्नकूट में मूंग, चौला, बाजरा, चावल, गडमढ सब्जी, कढ़ी के साथ ही हलवा और भुजिए भी प्रसादी में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि 59 वर्ष पूर्व मात्र 2.5 किलोग्राम अन्न के साथ खोले के हनुमान जी में अन्नकूट उत्सव की शुरुआत हुई थी, जो पिछले कुछ वर्षों से लक्खी अन्नकूट में बदल गया है। समिति के संस्थापक ब्रह्मलीन पंडित राधेलाल चौबे की स्थापित परम्पराओं और प्रेरणा के मुताबिक सभी आयोजन किये जा रहे हैं।
उत्सव के दौरान रविवार को खोले के हनुमान जी के फल-सब्जी की झांकी, श्री आनन्देश्वर महादेव के अन्न की झांकी, सियाराम जी महाराज की छप्पन भोग की झांकी, श्री गणेश जी के लड्डुओं की झांकी आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इसके अलावा अन्नपूर्णा माता के मंदिर में विभिन्न व्यंजनों की झांकी, अन्नकूट स्थल पर शिव परिवार की बर्फ की झांकी तथा परिसर में मौजूद अन्य देवालयों में विभिन्न प्रकार की झांकियां सजाई जायेंगी। इसके अलावा आसपास के क्षेत्र के 61 मन्दिरों में भी प्रसादी का भोग लगेगा।
श्री राधे लाल चौबे जी की प्रेरणा के अनुसार ही खोले के हनुमान जी के मन्दिर परिसर के पास स्थित हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी छप्पन भोग, अन्नकूट की प्रसादी एवं चादर चढ़ाई जायेगी।
प्रचार मंत्री द्वारका प्रसाद सोढ़ानी ने बताया कि छप्पन भोग तैयार किया जा रहा है। अन्नकूट प्रसादी के लिए भट्टियों पर दिन-रात काम चलेगा। प्रसादी स्थल पर सभी जगह गरम और ताजा बनी हुई प्रसादी पहुंचे, इसके लिए पुख्ता प्रबन्ध किये जा रहे हैं। प्रसादी के लिए अलग-अलग 13 खण्डों की व्यवस्था की गई है, जिनमें सैकड़ों की संख्या में विभिन्न संगठनों के लोग प्रसादी वितरण का कार्य करेंगे।
अन्नकूट की प्रसादी वितरण का कार्य रविवार को दोपहर 12:30 बजे से रात्रि 11 बजे तक चलेगा। अन्नकूट समारोह के लिए विभिन्न तरह की समितियां बनाई गई हैं, जिनमें चार हजार कार्यकर्ता व श्रद्धालु विभिन्न प्रकार की सेवाएं देकर समारोह को सुचारू बनाने की व्यवस्था करेंगे। मन्दिर परिसर को पूरी तरह सजाया-संवारा जा रहा है और नयनाभिराम सजावट के प्रबन्ध किये जा रहे हैं।
समिति के महामंत्री श्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि 9 नवम्बर को अन्नकूट समारोह की शुरुआत प्रातः हनुमान जी महाराज का अभिषेक, चौला धारण, श्रृंगार, 56 भोग, फल-सब्जियों की झांकी से होगी।
प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक वेद विद्यालय के छात्र वेद उच्चारण करेंगे। प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक शिव सत्संग मण्डल द्वारा हरिनाम संकीर्तन, सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक सुन्दर बैण्ड द्वारा बैण्ड वादन, 11.30 बजे जयपुर के संत-महंतों द्वारा हनुमानजी के अन्नकूट भोग की महाआरती एवं श्री नरवर आश्रम सेवा समिति द्वारा संत-महन्तों का सम्मान किया जायेगा।
दोपहर 12:30 बजे से भक्तों के लिए प्रसादी प्रारंभ होगी, जो रात्रि 11 बजे तक अनवरत चलती रहेगी। मध्याह्न 1 बजे से 3 बजे तक श्याम ज्योति भजन संध्या और 3 से 5 बजे तक श्री गुरूकृपा जागरण मण्डल द्वारा भजन गायन, 5 से 7 बजे तक पी.आर. स्वामी तथा 7 से 9 बजे तक मोहन बालोदिया व अन्य द्वारा भजन गायन राम मंदिर में प्रस्तुत किये जायेंगे। प्रसादी स्थल पर सायं 6 से 8 बजे तक अशोका बैण्ड द्वारा बैण्ड वादन किया जाएगा।
अन्नकूट स्थल पर सवाई मानसिंह अस्पताल एवं महात्मा गांधी अस्पताल के चिकित्सकों की टीम तथा श्री नरवर आयुर्वेद औषधालय द्वारा निःशुल्क जांच व दवा वितरण किया जायेगा।
भट्टियों का निर्माण कार्य पूरा, एक बार में 2 क्विटल लकड़ी डाली जाएगी*
65वें लक्खी अन्नकूट महोत्सव में भोजन प्रसादी बनाने के लिए मंदिर परिसर में 30 भट्टियां तैयार की गई है। जो 8 से 10 फीट गहरी है और इन भट्टियों का निर्माण 1 हजार ईंटों से किया जा रहा है। भट्टी में एक बार में 2 क्विटल लकड़ी लगेगी। सभी भट्टियों का निर्माण 7 नवंबर तक पूरा हो जाएगा। जिसके पश्चात 8 नवंबर से शाम से भोजन प्रसादी बनाने का कार्य आरंभ होगा।
35 से 40 गाड़िया लकड़ी की मंगवाई, प्रत्येक गाड़ी में 35 से 40 क्विटल लकड़ी पहुंचेगी प्रसादी स्थल
30 भट्टियों में भोजन प्रसादी के लिए 35 से 40 गाड़ियां लकड़ी की मंगवाई गई है और प्रत्येक गाड़ी में करीब 35 से 40 क्विटल लकड़ी आएगी। जो जमवारामगढ़ से आएगी।
450 हलवाई करेंगे अन्नकूट प्रसादी तैयार*
भव्य अन्नकूट महोत्सव में भोजन प्रसादी बनाने के लिए 450 हलवाई अपना श्रमदान करेंगे। जिसमें 800 क्विटल मिठाई और स्नेक्स बनाए जाएगे। भगवान को अर्पित करने वाला छप्पन भोग पिछली बार से ज्यादा होगा। कांजी हलवाई ने बताया कि छप्पन भोग की पूरी व्यवस्था उन्हे सौपी गई है। जिसमें 200 हलवाई 4 दिनों तक दिन-रात काम करेंगे। इस दौरान लगभग 40 क्विंटल चीनी, 35 क्विंटल बेसन, 25 क्विंटल मैदा, 100 पीपे (1500 किलो) घी, 200 पीपे मूंगफली तेल, 300 किलो मावा, 400 किलो दाल, 13 क्विंटल बूरा, 1 क्विंटल मसाला और 1 क्विंटल गुड़ का इस्तेमाल होगा। छप्पन भोग में 80 से 85 आइटम शामिल होंगे। जो भगवान को अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं में वितरण किया जाएगा।
इन सब्जियों से होगी अन्नकूट प्रसादी तैयार*
50 क्विंटल आलू, 50 क्विंटल गोभी, 50 क्विंटल मूली, 25 क्विंटल गाजर, 10 क्विंटल बैंगन, 15 क्विंटल पत्तागोभी, 2 क्विंटल मोगरी, 2 क्विंटल बालोद फली, 4 क्विंटल हरी मिर्च, 20 क्विंटल पालक, 1.5 क्विंटल अदरक, 1.5 क्विंटल जिमीकंद, 2 क्विंटल शकरकंद, 5 क्विंटल लौकी, 20 क्विंटल टमाटर, 1.5 क्विंटल हरा धनिया।
40 क्विंटल दही से बनेगी कढ़ी*
बताया जा रहा है कि एक कड़ाही में 10 हजार लोगों के लिए कढ़ी बनेगी और इस भंडारे में कुल 20 कड़ाही का इस्तेमाल होगा। कढ़ी 10 क्विंटल बेसन और 40 क्विंटल दही से तैयार होगी। कढ़ी बनाने का कार्य 7 नवंबर रात 3 बजे से शुरु होगा। जिससे बनने में 2 ये 3 घंटे लगते है।वहीं विशाल अन्नकूट महोत्सव में 250 लेबर बर्तन धोने और 1 हजार वॉलंटियर पंगत में प्रसादी परोसने के लिए लगाए जाएगे। प्रत्येक पंगत में करीब 10 हजार भक्त एक साथ प्रसादी ग्रहण करेंगे।