मुंबई, दिव्यराष्ट्र/ जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें 16 वर्ष की उम्र से पहले जोड़ों में सूजन होती है और इसका सटीक कारण स्पष्ट नहीं होता। यह एक अकेली बीमारी नहीं है, बल्कि कई तरह की स्थितियों का समूह है।जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस के लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सूजन, आंखों में जकड़न, आंखों में सूजन, बुखार और चकत्ते पड़ते हैं और इसका निदान अधिकतर विस्तृत इतिहास और शारीरिक जांच पर आधारित होता है। खून की जांच और अन्य परीक्षण आमतौर पर अन्य बीमारियों को बाहर करने या जटिलताओं का मूल्यांकन करने के लिए किए जाते हैं।नारायणा हेल्थ, एसआरसीसी चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल, मुंबई के डॉक्टर राजू खुबचंदानी, सीनियर कंसल्टेंट – पीडियाट्रिक रूमेटोलॉजी कहते हैं कि इसके इलाज करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं।दवाएं सूजन कम करने और दर्द को नियंत्रित करने के लिए दी जा सकती हैं। व्यायाम और शारीरिक गतिविधि जोड़ों की लचीलेपन और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए और संतुलित आहार हड्डियों को मजबूत रखने के लिए प्रदान की जानी चाहिए। किंतु भावनात्मक और सामाजिक समर्थन बच्चों को आत्मविश्वास देने के लिए आवश्यक है। इसके अलावा नारायणा हेल्थ, एसआरसीसी चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल, मुंबई के डॉक्टर राजू खुबचंदानी, सीनियर कंसल्टेंट – पीडियाट्रिक रूमेटोलॉजी कहते हैं कि आशा और आगे का रास्ता एक प्रेरक तत्व है, हालांकि यह भी प्रासंगिक है।समय पर पहचान, सही इलाज और निरंतर देखभाल से जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस से प्रभावित बच्चे एक सक्रिय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। आधुनिक चिकित्सा ने जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस को एक कठिन बीमारी से एक नियंत्रित होने वाली स्थिति में बदल दिया है। उद्देश्य यह है कि हर बच्चा दर्द से मुक्त, सक्रिय और अपनी पूरी क्षमता के साथ बढ़े।