संस्थान ने एक बार फिर एआईआर 1, 2 और 3 पर कब्ज़ा जमाया
नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र:/ कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट 2026) के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। देश के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (एनएलयूएस ) में प्रवेश के लिए आयोजित इस प्रतिष्ठित परीक्षा में एक बार फिर भोपाल मुख्यालय वाले संस्थान ‘टॉपर्सरैंकर्स- लीगल एज’ के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया है। जारी परिणामों के अनुसार, अखिल भारतीय स्तर पर शीर्ष तीन स्थानों (ऑल इंडिया रैंक 1, 2, एंड 3) पर इसी संस्थान के छात्रों ने जगह बनाई है।
यह पिछले 6 वर्षों में चौथा अवसर है जब इस संस्थान के छात्रों ने शीर्ष तीनों रैंक (क्लीन स्विप) हासिल की हैं। संस्थान द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, टॉप 10 में उनके 7 छात्र और टॉप 100 में 51 छात्र शामिल हैं, जो इस परीक्षा में संस्थान की मजबूत पकड़ को दर्शाता है।
केवल लीगल एज से मिली मार्गदर्शन*” – एआईआर 1 गीताली राजस्थान के श्रीगंगानगर की रहने वाली गीताली गुप्ता ने एआईआर 1 हासिल की है। अपनी सफलता पर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए गीताली ने कहा, “मेरे माता-पिता ने मुझे बचपन से अनुशासन सिखाया, और लीगल एज के ‘वॉरियर्स गोल्ड बैच’ ने उस अनुशासन को सही दिशा दी। मैंने अपनी तैयारी के दौरान निरंतरता (कंसिस्टेंसी) पर सबसे अधिक जोर दिया।” उन्होंने कोचिंग की भूमिका पर स्पष्ट करते हुए कहा, “मैं केवल लीगल एज के क्लासरूम प्रोग्राम की छात्रा रही हूँ। लीगल एज के मेंटर्स ने मेरी कमियों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह सफलता मेरे माता-पिता के त्याग और शिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम है।”
विश्लेषण: क्लासरूम और डिस्टेंस लर्निंग का प्रदर्शन संस्थान द्वारा साझा विवरण के अनुसार, एआईआर 1, 2, 7, 8, 9 और 10 लीगल एज के ‘रेगुलर क्लासरूम प्रोग्राम’ के छात्र हैं, जबकि एआईआर 3 (रोहन, कर्नाटक टॉपर) ने संस्थान के ‘डिस्टेंस लर्निंग’ कोर्स से सफलता प्राप्त की। विशेषज्ञों के अनुसार, डिस्टेंस लर्निंग से एआईआर 3 आना संस्थान के कंटेंट की मजबूती को दर्शाता है, वहीं टॉप 10 में से 6 छात्रों का सीधे क्लासरूम से जुड़ा होना लीगल एज की प्रत्यक्ष मेंटरशिप के सफल प्रभाव को सिद्ध करता है।
निरंतरता और चयन का स्तर
• क्लीन स्वीप: पिछले 6 सालों में यह चौथी बार है जब एआईआर 1, 2 और 3 एक ही संस्थान से हैं।
• चयन अनुपात: इस वर्ष टॉप 100 में 51 छात्र लीगल एज से हैं। यानी शीर्ष लॉ कॉलेजों में जाने वाले लगभग 50% छात्र इसी संस्थान से प्रशिक्षित हैं।
• टॉपर्स: संस्थान अब तक कुल 7 बार ऑल इंडिया टॉपर ( एआईआर 1) दे चुका है।
संस्थान के चीफ एकेडमिक ऑफिसर और सह-संस्थापक हर्ष गगरानी ने कहा, “यह परिणाम हमारी शिक्षण प्रक्रिया (प्रोसेस) की पुष्टि करता है। हमारे लिए एआईआर 1 के साथ-साथ वह अंतिम छात्र भी महत्वपूर्ण है जिसने अपनी मेहनत से अपनी रैंक में सुधार किया है। हमने हमेशा सही मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत को प्राथमिकता दी है और आगे भी देते रहेंगे।”
निष्कर्ष क्लैट 2026 के नतीजे संकेत देते हैं कि सोशल मीडिया और विज्ञापन के दौर में, सफलता के लिए अनुशासित दिनचर्या, सही मेंटरशिप और अंततः शिक्षक-छात्र का समन्वय ही परिणाम में बदलता है।