जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, पीवीएसएम, एवीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, सदर्न कमांड ने थार मरुस्थल में आयोजित त्रि-सेवा अभ्यास ‘त्रिशूल’ के अंतर्गत संचालित अभ्यास ‘मरुज्वाला’ के दौरान सुदर्शन चक्र कोर एवं शहबाज़ डिवीजन की परिचालनिक तत्परता की समीक्षा की।
यह अभ्यास नवीन टैक्टिक्स, टेक्निक्स और प्रोसीजर्स की पुष्टि का प्रतीक रहा, जिसमें नवपीढ़ी के स्वदेशी उपकरणों, ड्रोन तथा काउंटर-ड्रोन प्रणालियों को सम्मिलित किया गया। इस दौरान मरुस्थलीय क्षेत्र में यथार्थ युद्ध परिस्थितियों में सभी हथियार वर्गों द्वारा युद्धाभ्यास किया गया, जिसमें मैकेनाइज़्ड एवं इन्फैंट्री कॉलम्स, थार रैप्टर्स की एविएशन संपत्तियाँ तथा भारतीय वायु सेना की सक्रिय भागीदारी रही।
आर्मी कमांडर ने अभ्यास में भाग लेने वाले सैनिकों से संवाद किया तथा सुदर्शन चक्र कोर, सदर्न कमांड, एयरबोर्न फोर्सेस एवं भारतीय वायु सेना की सभी टुकड़ियों और इकाइयों के उत्कृष्ट व्यावसायिक कौशल, त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता एवं परिचालनिक दक्षता की सराहना की।