
मुंबई – दिव्यराष्ट्र*भारतीय संस्कृति में पाश्चात्य संस्कृति का प्रवेश लगातार हो रहा है और हमें समय रहते सचेत रहना आवश्यक है। इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को परिवार प्रबोधन की आवश्यकता है। इस दिशा में संघ हमेशा समाज के साथ रहेगा, परंतु प्रत्येक सजग नागरिक ने भी इसके लिए प्रयास करना चाहिए – ऐसा स्पष्ट मत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कोकण प्रांत कार्यवाह श्री विठ्ठल कांबळे ने मुंबई के माझगाँव नगर के विजयादशमी उत्सव में व्यक्त किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, माझगाँव नगर की ओर से संघ शताब्दी विजयादशमी उत्सव रविवार को प्रातः लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे नाट्यगृह, भायखळा, मुंबई में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में माझगाँव स्थित उच्च मराठी प्राथमिक विद्यालय के मुख्याध्यापक अरविंद मधुकर गव्हाणे तथा मुख्य वक्ता विठ्ठल दुधप्पा कांबळे (प्रांत कार्यवाह – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कोकण प्रांत) उपस्थित थे। साथ ही पूनमचंद चौधरी (नगर संघचालक), जितेश मिश्रा (नगर कार्यवाह) भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मान्यवरों के हस्ते शस्त्र पूजन एवं ध्वजारोहण किया गया। तत्पश्चात संघ प्रार्थना के बाद मुख्य वक्ता श्री विठ्ठल कांबळे ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित किया। संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि समाज के विभिन्न स्तरों पर अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा निर्धारित स्वदेशी का उपयोग, नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण, सामाजिक समरसता और परिवार प्रबोधन – इन पंच परिवर्तन की आवश्यकता है, जिससे समाज व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी।
इस अवसर पर गणवेशधारी युवा व बाल स्वयंसेवकों के साथ-साथ समाज के विभिन्न स्तरों से रचनात्मक पुरुषों व महिलाओं की उपस्थिति सराहनीय रही।