साथ ही करेंगी आईडीएफ ‘एक्टिव’ पहल
नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र:/ इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (आईडीएफ) ने डॉ. मोहन डायबिटीज स्पेशलिटीज सेंटर की प्रबंध निदेशक एवं मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन ( एमडीआरएफ) की प्रेसिडेंट डॉ. आर. एम. अंजना को शारीरिक गतिविधि पर आईडीएफ के कार्य समूह का चेयरपर्सन नियुक्त करने की घोषणा की है, साथ ही वे आईडीएफ की एक वैश्विक पहल ‘एक्टिव’ का भी नेतृत्व करेंगी। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य दुनिया भर में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
इस प्रमुख नेतृत्वकारी भूमिका में, डॉ. अंजना सभी आईडीएफ क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को लेकर एक अंतर्राष्ट्रीय संघ का गठन और मार्गदर्शन करेंगी, जिससे वैश्विक सहयोग, क्षेत्रीय संतुलन और लैंगिक विविधता सुनिश्चित होगी।
पूरे विश्व में मधुमेह, हृदय रोग और अवसाद जैसी गैर-संचारी बीमारियों का एक प्रमुख कारण शारीरिक निष्क्रियता को बताया गया है। 81% किशोर और 27.5% वयस्क शारीरिक गतिविधियों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते, इन आंकड़ों को देखते हुए IDF अपनी एक्टिव पहल के माध्यम से दुनिया भर में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वास्तविक दुनिया के कार्यक्रमों और समुदाय-केंद्रित सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
प्रो. पीटर श्वार्ट्ज़ – प्रेसिडेंट, इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ने कहा,
“मधुमेह की रोकथाम और जन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में शारीरिक गतिविधियाँ एक एहम भूमिका निभाती हैं। दुनिया भर में फैली शारीरिक निष्क्रियता को संबोधित करने की दिशा में शारीरिक गतिविधि पर आईडीएफ का कार्य समूह और एक्टिव पहल एक बड़ा कदम है। डॉ. अंजना की अगुआई में, यह समूह अपने इस पहल के ज़रिए वैश्विक साक्ष्यों पर व्यावहारिक, समुदाय-संचालित कार्यान्वयन करेगा। आईडीएफ को इस वैश्विक आंदोलन का समर्थन करने पर गर्व है और इसके परिणामस्वरूप प्रकट होने वाले परिवर्तनों की प्रतीक्षा है।”
डॉ. आर. एम. अंजना – प्रबंध निदेशक, डॉ. मोहन डायबिटीज़ स्पेशलिटीज़ सेंटर; प्रेसिडेंट, एमडीआरएफ एवं चेयरपर्सन, शारीरिक गतिविधि पर आईडीएफ की कार्य समूह:
“मुझे शारीरिक गतिविधि पर आईडीएफ की कार्य समूह की अध्यक्षता करने और आईडीएफ की ‘एक्टिव’ पहल का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला है। शारीरिक निष्क्रियता एक वैश्विक संकट बन चुकी है और अब हमें साहसिक, कार्यान्वयन योग्य रणनीतियों की आवश्यकता है, केवल चर्चाओं की नहीं। यह पहल विशेष रूप से बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों के लिए चलाई जा रही है जो उन्हें संरचित, स्थायी कार्यक्रम के माध्यम से एक सक्रिय जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।”
“हम एक ऐसा विश्वव्यापी आंदोलन चलाने की आशा करते हैं जिसमें आईडीएफ के प्रत्येक क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर हम मधुमेह तथा अन्य क्रोनिक रोगों के बोझ को काफी हद तक कम करने का प्रयास करेंगे।”
डॉ. वी. मोहन – चेयरमैन, डॉ. मोहन डायबिटीज़ स्पेशलिटीज़ सेंटर एवं मद्रास डायबिटीज़ रिसर्च फ़ाउंडेशन ने कहा,
“यह हमारे संगठन और भारत के लिए बेहद गर्व का क्षण है। डॉ. अंजना ने शारीरिक गतिविधि अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान किया है, वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य में एक अग्रणी होने के नाते वे इस वैश्विक पहल के लिए एक बेहतरीन पथप्रदर्शक साबित होंगी। आईडीएफ एक्टिव पहल एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बनने हेतु तत्पर है जिससे दुनिया भर में शारीरिक गतिविधियाँ बढ़ाने में निश्चित रूप से बड़ा प्रभाव पड़ेगा।”
कार्यक्रम के दौरान, आईडीएफ’एक्टिव’ पहल का एक संक्षिप्त अवलोकन भी साझा किया गया, जिसकी कुछ प्रमुख बातें हैं; शैक्षिक, सामुदायिक और कार्यस्थल परिवेश के लिए अभिनव फिटनेस चुनौतियाँ तैयार करना, फिटनेस स्कोरिंग टूल और फिटनेस एंबेसडर को मान्यता देना। इस पहल का उद्देश्य लोगों को अधिक सक्रिय बनने और फिट रहने में मदद करने के लिए साक्ष्य, नीति और सामुदायिक कार्यान्वयन को एकीकृत करना है।