
धान के विकास के महत्वपूर्ण चरणों के दौरान कीटों को समय पूर्व और प्रभावी तरीके से हमले से रोकने में सक्षम
जयपुर, दिव्यराष्ट्र*/ कॉर्टेवा एग्रीसाइंस ने डेलाडैक्सिन नाम से एक नया व्यापक कीट नियंत्रण समाधान लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य धान की खेती करने वाले प्रमुख राज्यों के किसानों को ब्राउन प्लांटहॉपर (बीपीएच) और स्टेम बोरर जैसे लगातार नुकसान पहुँचाने वाले कीटों से बचाव में मदद करना है।
ये कीट पौधों की वृद्धि को रोकते हैं, उन्हें मुरझा देते हैं और दानों के विकास को भी प्रभावित करते हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है। डेलाडैक्सिन डुअल-एक्शन सुरक्षा प्रदान करता है और फसल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, खासकर उस समय जब धान की फसल वानस्पतिक अवस्था से फूल आने की अवस्था में प्रवेश करती है और कीटों के हमले की संभावना सबसे अधिक होती है।
धान की बालियों के बनने की शुरुआती अवस्था से लेकर दानों के पूरी तरह पकने तक, डेलाडैक्सिन की लंबी असरदार सक्रियता और भरोसेमंद परफॉर्मेंस किसानों को पौधों की मजबूती बनाए रखने, बालियों के विकास को सहारा देने और उपज को सुरक्षित रखने में मदद करती है।
इसका टॉक्सिकोलॉजिकल प्रोफाइल भी अनुकूल है, जिससे यह एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) पद्धतियों के लिए उपयुक्त बनता है। आईपीएम में खेत की निगरानी, कीट सीमा के आधार पर नियंत्रण उपायों का चयन और जैविक व पारम्परिक उपायों को शामिल कर जिम्मेदार और प्रभावी कीट नियंत्रण सुनिश्चित किया जाता है। इस पद्धति से पर्यावरण पर असर कम पड़ता है और खेत की सेहत लंबे समय तक बनी रहती है।
कॉर्टेवा ने धान की फसल के लिए खासतौर पर तैयार किए गए हिबीफेन के लॉन्च की भी घोषणा की है, जो लीफ फोल्डर और बीपीएच जैसे प्रमुख कीटों पर नियंत्रण के लिए बेहद कारगर है। हिबीफेन के समय पर इस्तेमाल से किसान फ्लैग लीव्स को सुरक्षित रख पाते हैं, जिससे फसल अधिक संतुलित, स्वस्थ और कम तनावग्रस्त दिखती है।
कोर्टेवा कीट और रोग नियंत्रण के क्षेत्र में नवाचार के लिए अपनी प्रतिबद्धता को लगातार मजबूत कर रहा है। कंपनी किसानों को फसल स्वास्थ्य बनाए रखने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए उन्नत समाधान उपलब्ध करा रही है। साथ ही, सही और समय पर अपने दवायियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए फील्ड डेमो और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को निरंतर सहयोग देती रहेगी।