
जामनगर, दिव्यराष्ट्र:/ इंडोनेशिया सरकार ने सुमात्रा के हाथियों में फैल रहे घातक एलीफेंट एंडोथीलियोट्रॉपिक हर्पीसवायरस (ईईएचवी) से होने वाली मौतों को रोकने के लिए भारत के गुजरात स्थित वैश्विक वन्यजीव संरक्षण केंद्र वंतारा की तकनीकी विशेषज्ञता को शामिल किया है। वंतारा की स्थापना अनंत अंबानी ने की है और यह हाथियों सहित वन्यजीवों के बचाव, पुनर्वास और संरक्षण में अग्रणी है।
हाल ही में रियाउ प्रांत के सेबांगा एलीफेंट कंजर्वेशन सेंटर में एक युवा हाथी की ईईएचवी से मृत्यु के बाद इंडोनेशिया के वन मंत्रालय (केमेंटेरियन केहुतानन) ने स्थानीय भागीदार फौना लैंड इंडोनेशिया के माध्यम से वंतारा के साथ सहयोग शुरू किया। इसका उद्देश्य बीमारी की शुरुआती पहचान, रोकथाम और पशु चिकित्सा प्रतिक्रिया को मजबूत करना है।
वंतारा के हाथी चिकित्सक, जीवविज्ञानी और विशेषज्ञ रियाउ पहुंच चुके हैं और हाथियों के स्वास्थ्य आकलन, शुरुआती लक्षणों की पहचान तथा रोग प्रबंधन प्रोटोकॉल को सुदृढ़ करने पर काम कर रहे हैं। वंतारा पशु चिकित्सा जांच, निवारक देखभाल, एंटीवायरल उपचार विकल्पों, आधारभूत स्वास्थ्य डेटा तैयार करने और स्थानीय कर्मियों के प्रशिक्षण में सहयोग दे रहा है।
यह पहल फिलहाल बुलुह चीना नेचर टूरिज्म पार्क में केंद्रित है, जिसे आगे टेसो नीलो नेशनल पार्क, वे कंबास सहित अन्य क्षेत्रों में विस्तारित किया जाएगा। यह सहयोग आईयूसीएन द्वारा गंभीर रूप से संकटग्रस्त घोषित सुमात्रा हाथी के दीर्घकालिक संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।






