
सेकुलर शब्द का वास्तविक अर्थ पंथनिरपेक्षता है
जयपुर। ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन की ओर से पुस्तक विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमे डॉ कैलाश पारीक खण्डेला द्वारा सन्त कवि शिवदीन के साथ बिताए क्षणों की स्मृतियां “सन्तां साथै अधघड़ी“ और डॉ सुरेश के.वर्मा द्वारा लिखित “भारत का संविधान“ का विमोचन और चर्चा की गई। यह आयोजन झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति के सेमिनार हॉल में सम्पन्न हुआ।
संविधान विशेषज्ञ लक्ष्मीनारायण भाला ने मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करते हुए कहा कि संविधान में सेकुलर शब्द 1976 में लाया गया। उस समय आपातकाल था और विपक्ष के सभी बड़े नेता जेल में बंद थे। सेक्युलर शब्द के हिंदी में पंथनिरपेक्ष शब्द का गलत अनुवाद धर्मनिरपेक्षता कर उसका दुष्प्रचार किया गया है। प्रकृति प्रदत्त कर्म ही धर्म है मनुष्य के विभिन्न कर्तव्य धर्म माने जाते हैं। संविधान में 25 से अनुच्छेद में सेकुलर का अनुवाद लौकिक क्रियाकलाप है। भारत के लिए 1773 से इंडिया रेगुलटिंग एक्ट से शुरु होकर 1935 में बी एन राव की ओर से बनाए गए ड्राफ्ट संविधान तक प्रक्रिया चली। देश विभाजन के बाद 28 अगस्त 1947 को डॉक्टर अंबेडकर को प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया और भारत के संविधान निर्माण का कार्य शुरू हुआ।
मुख्य अतिथि विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय मंत्री और अखिल भारतीय सेवा प्रमुख अजेय कुमार पारीक ने कहा कि हमारे परिवार व्यवस्था धर्म से चल रही है और धर्म का आचरण ही संविधान का सम्मान करता है।
डॉ कैलाश पारीक खण्डेला ने अपनी पुस्तक “सन्तां साथै अधघड़ी“ के बारे में बताया कि इसमे संत कवि शिवदीन जी के साथ का आध्यात्मिक अनुभव और उनके विचार शामिल है। हमारी सभ्यता और संस्कृति के विकास में संतों का सबसे अधिक योगदान है। मैं संत शिवदीन के साथ 36 वर्ष तक रहा। इस दौरान उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को जाना। उनकी डायरियां और जीवन के संस्मरण के आधार पर यह पुस्तक लिखी है। इसके साथ ही डा सुरेश वर्मा ने भी अपनी पुस्तक के लेखन की भूमिका भी व्यक्त की। प्रौढ़ शिक्षण समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र बोड़ा ने उपस्थित सभी श्रोताओं का आभार व्यक्त किया और सभी अतिथियों को पुस्तक भेंट की।
ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन के प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर अशोक कुमार व्यास, डॉ प्रहलाद राय, पुष्कर उपाधयाय, बाबूलाल शर्मा, एडवोकेट सूर्य प्रताप सिंह, राव शिवपाल सिंह, कल्याण सिंह शेखावत, एकता शर्मा आदि उपस्थित रहे।