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6 अक्टूबर, 2025; हिमाचल प्रदेश: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के प्रांगण आज उत्साह और उमंग से गूंज उठे, जब लोकसभा सदस्य, पूर्व केंद्रीय खेल एवं युवा मामले मंत्री तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ‘कुल्हड़ इकॉनमी फेस्ट (केईएफ)’ के मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। समारोह की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुई, जो ज्ञान और नए आरंभ का प्रतीक है। इसके बाद दिनभर की गतिविधियाँ उत्साह और अपेक्षा के वातावरण में प्रारंभ हुईं।
अपने संबोधन में अनुराग ठाकुर ने आईआईटी मंडी की शैक्षणिक और आध्यात्मिक समृद्धि की सराहना करते हुए विद्यार्थियों से इस अद्वितीय वातावरण का पूर्ण लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने विद्यार्थियों को खेल, ध्यान और ऐसी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जो समग्र विकास को प्रोत्साहित करती हैं। उन्होंने कहा कि ये अभ्यास न केवल मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखते हैं, बल्कि शैक्षणिक प्रयासों को भी सशक्त बनाते हैं।
भारत के युवाओं के लिए उपलब्ध अवसरों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश का स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से बढ़ा है — 350 स्टार्टअप्स से बढ़कर अब यह 1.59 लाख से अधिक हो गया है, जिनमें 127 यूनिकॉर्न कंपनियाँ शामिल हैं। उन्होंने यूपीआई (UPI) और भीम (BHIM) के माध्यम से डिजिटल ट्रांजैक्शन में भारत की वैश्विक नेतृत्व भूमिका का उल्लेख किया तथा ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केईएफ उद्यमिता (आंत्रप्रेन्योरशिप) और इनोवेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने छात्रों से हिमाचली प्रोडक्ट्स, हैंडिक्राफ्ट्स और कॉटेज इंडस्ट्रीज़ की खोज करने, उनके ब्रांडिंग, मार्केटिंग और सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल के अनुरूप स्थानीय उत्पादों और उद्योगों को सशक्त बनाने पर बल दिया। अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा कि तकनीक का उपयोग कर गांवों को सशक्त बनाने, उद्योगिक क्षमता बढ़ाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए नवाचार की दिशा में विचार-विमर्श आवश्यक है।
उन्होंने भारत की स्पेस एंड टेक्नोलॉजी उपलब्धियों, देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जीएसटी सुधारों और स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग के महत्व पर भी प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने ‘मेरा युवा भारत (माय भारत)’ प्लेटफ़ॉर्म की सराहना की, जो देशभर के युवाओं, विचारों और संस्कृतियों को जोड़ने का कार्य कर रहा है और युवाओं को भारत के विकास में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।
आईआईटी मंडी के डायरेक्टर प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहेरा ने मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि केईएफ, आईआईटी मंडी की उस विकास-दर्शन को प्रतिबिंबित करता है जो सस्टेनेबिलिटी और लोकल प्रासंगिकता पर आधारित है — ठीक उसी तरह जैसे ‘कुल्हड़’, जो सादगी, पर्यावरण-मित्रता और भारतीय जमीनी परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आईआईटी मंडी नए विचारों और विधाओं को अपनाकर नवाचार और प्रगति की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रोफेसर कनगा साबापथी ने आईआईटी मद्रास के साथ संस्थान के इंडियन नॉलेज सिस्टम्स पर आधारित सहयोगात्मक शोध कार्य के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का अनुसंधान पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के समन्वय के मूल्यवान मार्ग प्रस्तुत करता है — और यही दृष्टिकोण केईएफ की भावना से गहराई से जुड़ा है।
कार्यक्रम के संयोजक श्री अजय चतुर्वेदी, जिनके विद्वत्तापूर्ण ग्रंथ ‘कला दर्शन: बिल्डिंग ब्लॉक्स ऑफ टाइम’ और ‘कला गति: कॉस्मिक फ्लो ऑफ टाइम एंड हिस्ट्री’ समय और इतिहास की प्रकृति तथा प्रवाह की गहन समझ प्रदान करते हैं, ने अनुराग ठाकुर का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
केईएफ आयोजन समिति ने अनुराग ठाकुर के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके विचार, प्रोत्साहन और संवाद विद्यार्थियों को प्रेरित करेंगे और आने वाले दिनों में इस फेस्ट की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।